गांव की शक्ति जोड़कर देश आगे बढ़ेगा: मोदी
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दि राइजिंग न्यूज़
नई दिल्ली।
जनसंघ के बड़े नेता नानाजी देशमुख की जयंती पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब दस ग्रामीणों से रुबरु हुए। पीएम ने दिल्ली के पूसा में इंडियन एग्रिकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया।
लाइव अपडेट्स
पीएम बोले कि आज भारत सरकार इनके सपनों के आधार पर ग्रामीण भारत के विकास की ओर आगे बढ़ रही है। गांव की शक्ति को ही जोड़कर देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं। ग्रामीणों के सुझाव के आधार पर ही ग्रामीण विकास के लिए रोडमैप पर काम कर रहे हैं। सिर्फ विकास करने से बात पूरी नहीं होगी, सिर्फ अच्छा करने से बात पूरी नहीं होगी। चीज़ों को समय-सीमा में करने से ही काम अच्छा होगा।
मोदी ने कहा कि 2022 में ग्रामीण विकास की गति तेज होगी, जो विकास 70 साल से रुका हुआ है। गांव का नागरिक भी शहर की जिंदगी चाहता है। शहर और गांव में बिजली 24 घंटे बिजली जानी चाहिए।
देश नानाजी देशमुख को जानता नहीं था, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई। पीएम ने कहा कि जयप्रकाश के आंदोलन के कारण ही दिल्ली की सत्ता हिल गई थी। जब जेपी पर हमला हुआ तो नानाजी देशमुख ने उस हमले को झेल लिया और हाथ की हड्डी टूट गई। लोकनायक जयप्रकाश युवाओं के लिए प्रेरणा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जय प्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख ने देश में गरीबों के लिए काम किया। महात्मा गांधी ने जिस आंदोलन की शुरुआत की थी, उसकी बागडोर जेपी ने संभाली थी।
लॉन्च हुई ग्रामीण संवाद ऐप
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी 'ग्राम संवाद ऐप' को भी लांच किया, जिसके जरिए इस बात की निगरानी की जा सकेगी कि सरकार द्वारा गांवों के विकास के लिए जो योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, वो ग्राम पंचायत स्तर पर किस तरह काम कर रही हैं। सरकारी योजनाओं को जिले के स्तर पर ठीक से लागू किया जा सके इसके लिए एक पोर्टल भी लांच किया गया। मोदी, नानाजी देशमुख के नाम पर एक डाक टिकट भी जारी किया।
इन दस हजार लोगों में सेल्फ हेल्प ग्रुप, ग्राम पंचायतों से आए प्रतिनिधि, जल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से अलावा वो लोग शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिला है। प्रधानमंत्री उन लोगों से भी बातचीत करेंगे, जिन्होंने गांवों में काम आने वाले नए अविष्कार किए हैं।
कौन थे नानाजी देशमुख
नानाजी देशमुख के नाम से मशहूर जनसंघ से प्रसिद्ध नेता चंडिकादास अमृतराव देशमुख की जन्मशती जंयती को मोदी सरकार धूमधाम से मना रही है। नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को हुआ था और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने और समाजिक कार्यों के लिए सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। खास बात ये है इसी दिन जयप्रकाश नारायण का भी जन्म हुआ था, जो उनके सहयोगी रहे थे।
नानाजी देशमुख ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित चित्रकूट को अपनी कर्मभूमि बनाया था और दोनों राज्यों के करीब पांच सौ गांवों में स्वास्थ, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में ऐसा काम किया था, जिसकी मिसाल दी जाती है। नानाजी ने चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना भी की थी जो देश का पहला ग्रामीण विश्वविद्यालय था।
नानाजी इतने आधुनिक विचारों के थे कि उन्होंने कह रखा था कि मौत के बाद उनका शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दे दिया जाए और उनकी इच्छा के अनुसार 27 फरवरी 2010 को चित्रकूट में उनकी मृत्यु के बाद उनका शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दिल्ली में एम्स को दे दिया गया।
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