राजधानी में तय होगी बच्चों की सुरक्षा
एक के बाद एक हो रहे हादसे, खतरे में बच्चे
जिला विद्यालय निरीक्षक ने दिए संकेत
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दि राइजिंग न्यूज
लखनऊ।
राजधानी के एक हजार स्कूलों में आने-जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए उच्च स्तरीय मानकों को रखा जाएगा। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने संकेत देते हुए कहा कि बच्चे हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण इकाई हैं। उनकी सुरक्षा से कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। घर से स्कूल और स्कूल से घर तक आने जाने वाले वाहनों से लेकर स्कूल में सुरक्षा के मानकों को परखा जाएगा। साथ ही अभिभावकों को भी अपने बच्चों के प्रति सचेत होने की अपील की। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों कई स्कूली वाहन सड़क हादसे का शिकार हुए और बच्चों को चोटें भी आई थी।
हजारों स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का क्या स्तर है इसकी जानकारी सामान्यतया अभिभावकों को भी नहीं हो पाती है। मंहगे-मंहगे स्कूल शिक्षा के नाम पर कितनी सुरक्षा देते हैं यह अपने आप में सवालों के घेरे में रहा है। इस बीच एक के बाद एक कई घटनाएं हुई तो अधिकारी भी सुरक्षा के प्रति सचेत हुए। दुघर्टनाओं में चाहे स्कूल की छत से गिर कर बच्चे की मौत की रही हो या फिर स्कूल वैन का दूसरे वाहन से टकरा जाना रहा हो। हर जगह बच्चों की जान पर ही आ बनती है। बीते दिनों ब्राइट लैंड में बच्चे को चाकू मारे जाने के बाद से ही स्कूल की सुरक्षा को लेकर तमाम तरह की बातें होने लगी थी, लेकिन इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि जब बच्चा घर से स्कूल और स्कूल से घर आ रहा होता है तो उस समय सुरक्षा की जिम्मेदारी कैसे तय हो। साथ ही कोई अप्रिय घटना होने पर जवाबदेही किसकी तय हो।
मामले पर डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि यह एक ऐसा बिंदु है जिसपर अभिभावक और स्कूल दोनों की जवाबदेही तय होती है। जहां स्कूलों को चाहिए कि वह अपने स्कूल की वाहनों पर स्कूल का नाम और सारी डिटेल साफ-साफ लिखवाएं तो वहीं अभिभावकों को भी ऐसे किसी भी वाहन से बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए, जिसमें स्कूल का नाम और अन्य जानकारियां ना लिखी हों।
हो रही घटनाएं-
स्कूली वाहनों की दुघर्टनाओं की बात करें तो आए दिन दुघर्टनाएं होती रहती हैं। मड़ियांव में लखनऊ पब्लिक स्कूल और सेंट एंथनी कॉलेज, सूर्या अकादमी के बच्चे वाहन से जा रहे थे। तभी बस और टेंपों में जोरदार टक्कर होने से मौके पर ही चालक ने दम तोड़ दिया था। इसी तरह पीजीआइ के वृंदावन योजना में भी एक स्कूल वैन नाले में घुस गई। जिससे वाहन में सवार बच्चों की जान पर बन आई थी। बीते दिनों एक इंजीनियरिंग कॉलेज की बस में इंटर कॉलेज के बच्चों को लाने ले जाने का मामला सामने आया था।
“बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रबंध किए जाएंगे। घर से स्कूल आने वाले वाहनों को लेकर अभिभावकों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी और उन्हें तय करना होगा कि जिन वाहनों में स्कूल का नाम ना लिखा हो उनसे अपने बच्चों को स्कूल ना भेजे। स्कूलों से भी इस संबंध में जवाब मांगा जाएगा।”
डॉ. मुकेश कुमार सिंह
जिला विद्यालय निरीक्षक
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