मानक दरकिनार, होर्डिंग लगाने में ही भ्रष्टाचार
- पुराने भवनों पर लगे हैं कई टन लोहे के होर्डिंग
- प्रशासन के अलर्ट के बाद भी नहीं चेत रहा नगर निगम
दि राइजिंग न्यूज
संजय शुक्ल
लखनऊ।
दो दिन पहले आई आंधी से अमीनाबाद में मोहनमार्केट चौराहे पर लगी विशालकाय होर्डिंग गिर गई। गनीमत यह रही है कि इसकी चपेट में कोई नहीं आया। मगर इस घटना के बाद भी नगर निगम ने कोई सबक नहीं लिया। नतीजा यह है कि राजधानी के हर इलाके कई टन लोहे के जाल पर सजे होर्डिंग सजे हुए हैं। इनमें पचास फीसद अवैध बताए जा रहे हैं लेकिन नगर निगम के जोनल अधिकारी केवल इनके जरिए अपनी कमाई कर रहे हैं। क्षेत्रीय पार्षदों और ठेकेदारों की शह पर अवैध होर्डिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है।
मौसम के बदलते मिजाज के चलते राजधानी व आसपास के इलाकों में तेज आंधी –पानी की संभावना जताई गई है। प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया लेकिन अवैध रूप से लगी इन होर्डिंग की जांच काम फिर नहीं किया गया। नतीजा यह है कि तकरीबन हर इलाके में इस तरह की होर्डिंग बढ़ती जा रही है। पुरान मकानों में भी लोहे के एंगल लगाकर होर्डिंग लाद गी गईं है। इन होर्डिंग के जरिए प्रचार भी हो रहा है लेकिन कम से कम नगर निगम के अधिकारियों को ये होर्डिंग नहीं नजर आ रहे हैं।
मानकों की खुला उल्लंघन
किसी भी प्राइवेट या व्यावसायिक बिल्डिंग पर होर्डिंग लगाने के लिए मकान के निर्माण व उसकी मजबूती का प्रमाणपत्र आवश्यक होता है। मगर अधिसंख्य स्थानों पर पुराने मकानों पर ही बड़ी –बड़ी होर्डिंग लगा दी गई है। यह तेज हवा के समय कांपने लगती है। तमाम होर्डिंग तो मुख्य मार्गों पर लगी हुई हैं और इनसे बड़ी दुर्घटना होने की संभावना ही बनी रहती है लेकिन नगर निगम को इससे कोई मतलब नहीं रहता है।
सालों जमे जोनल अधिकारी भर रहे जेब
अवैध होर्डिंग का हाल भी अतिक्रमण सरीखा है। दरअसल होर्डिंग के इस खेल में नगर निगम के जोनल अधिकारी भी शामिल हैं। इनकी मूक सहमति के चलते हर इलाके में होर्डिंग लग रहे हैं। इसके एवज में उन्हें भी पैसा मिलता है। इस कारण से कोई रोक टोक नहीं होती है। कई सालों से राजधानी में जमे जोनल अधिकारी भी बेलगाम हो चुके हैं। शासन –प्रशासन के तमाम आदेश भी इनके आगे कोई मायने नहीं रखते। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही अवैध होर्डिंग के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें हटाने का आदेश दिया गया था, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं।
हादसे का इंतजार
नगर निगम के अधिकारी व प्रशासन अवैध होर्डिंग से होने वाले हादसे का इंतजार कर रहे हैं। यही कारण है कि शासन–प्रशासन के आदेश के बावजूद इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं जा रही है। यहां तक कि प्रशासन को सूचनाएं तक नहीं भेजी जाती। यही वजह है कि शहर में अवैध होर्डिंग की बाढ़ सी आ गई है। कई क्षेत्रों में बांस या बल्ली लगाकर ही होर्डिंग लगा दिए गए हैं। फैजाबाद रोड, सीतापुर रोड और कानपुर रोड पर इस तरह के तमाम होर्डिंग नगर निगम की मुस्तैदी का प्रमाण बने हुए हैं।
"अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए जा चुके हैं। हर जोनल अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में जांच करने को कहा गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।"
संयुक्ता भाटिया
महापौर
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