बिल ना बिल्टी, बस 500 रुपया कार्टून
वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में चल रहा खेल
यहियागंज में बैठ एजेंट चला रहे स्टेशन
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दि राइजिंग न्यूज
आशीष सिंह
सभी फोटो- अभय वर्मा
लखनऊ।
स्थान-चारबाग का पार्सल भवन बाहर बिखरा पड़ा सामान...
समय-सुबह साढ़े नौ बजे...
चारबाग स्टेशन के पार्सल घर के माल की ढुलाई में व्यस्त एक एजेंट से दिल्ली से आ रही ट्रेन में पांच कुंतल होजरी निकलवा कर महानगर पहुंचाने की जुगत पूछी गई। पार्सल घर के बाहर तौल कांटे पर बड़ी तन्मयता से खड़े अधेड़ एजेंट ने तमाम सवालात किए लेकिन कुछ विश्वास होने के बाद 500 रुपये प्रति नग के हिसाब से पार्सल घर से सारी होजरी निकलवाकर सुरक्षित वांछित गंतव्य तक पहुंचाने का सौदा हुआ। इस 500 रुपये में माल पहुंचाने वाले वाहन का भाड़ा शामिल नहीं था।
यानी भाड़ा अलग से देने की बात तय हुई। सौदातय होने के बाद यहियागंज में सिद्दनाथ मंदिर के सामने स्थित कपड़ा कारोबारी से संपर्क करने को कहा गया। ये कारोबारी ही स्टेशन पर पूरा सिंडीकेट चला रहे हैं। हालांकि बाद में दि राइजिंग न्यूज प्रतिनिधि पर शक होने से पार्सल घर पर सक्रिय दलाल चंद सेकंड में वहां से फरार हो गया, लेकिन जो हैरतंगेज जानकारी मिली उससे इस टैक्स चोरी के सिंडीकेट के तमाम राज फाश हो गए।
कहने को निगरानी के लिए सेल टैक्स अधिकारी मौजूद भी होते हैं लेकिन माल आने के समय वह कहां गायब हो जाते हैं इसकी जानकारी अपर वाणिज्य आयुक्त (ग्रेड-2) अनंजय कुमार रॉय को भी नहीं है। मामले पर उन्होंने दलालों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने बताया कि जब रेलवे में ई-वे बिल लागू हो जाएगा तब सब कुछ अपने आप ही ठीक हो जाएगा। खास बात यह है कि विगत 10 फरवरी को रेलवे पार्सल भवन से करोड़ों की टैक्स चोरी पकड़कर अपनी पीठ थपथपाने वाला वाणिज्य विभाग आज खुलेआम हो रही टैक्स चोरी और दलाली को नहीं रोक पा रहा है।
सिंडीकेट के प्रभाव का ही नतीजा है कि करोड़ों रुपये के माल की बरामदगी के बाद भी ना तो एक एजेंट गिरफ्तार हुआ ना ही कोई अपंजीकृत व्यापारी ही सामने आया। उल्टे जांच अधिकारी ये दावा जरूर कर रहे हैं कि पकड़ा गया सारा माल पंजीकृत व्यापारियों का ही था, लेकिन जांच के कई दिन बाद तक जब्त माल का बिल सामने ना आने से अधिकारियों की मंशा पर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं। केवल यही नहीं छापेमारी के बाद चारबाग स्टेशन पर टैक्स चोरी के माल की आमद कई गुना बढ़ गई है। मगर अधिकारी व्यवस्था परिवर्तन और नए नियम की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
यहियागंज दलालों की मंडी-
दलालों के एजेंट ने बताया कि यहियागंज में लालू नाम का कपड़ा व्यापारी है। वही गैर प्रांतों से आए माल की सेटिंग करता है और प्रति पार्सल पांच सौ रुपये लेता है। बदले में सभी सुविधाएं भी देता है और सेल टैक्स अधिकारियों से बचाने का रास्ता भी साफ करता है। एजेंट के मुताबिक यहियागंज के दलालों के जरिए कहीं से भी टैक्स चोरी का माल मंगाया जा सकता है। हालांकि माल के मुताबिक भी दलाली के रेट तय किए जाते हैं। जिससे कोई भी व्यापारी रेलवे स्टेशन आए बगैर ही अपना माल अपनी दुकान तक मंगवा सकता है।
“जब तक रेलवे में ई-वे बिल लागू नहीं होगा तब तक इससे निपटा नहीं जा सकता है। एक अप्रैल से रेलवे में ई-वे बिल लागू हो जाएगा। इसके बाद टैक्स चोरी की सारी जिम्मेदारी रेलवे की होगी और ऐसे लोगों पर स्वत: ही लगाम लग जाएगी।”
अनंजय कुमार रॉय
अपर वाणिज्य आयुक्त
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